- MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी: किसान संगठनों की प्रमुख मांग है कि सरकार MSP को एक कानूनी अधिकार के रूप में स्थापित करे, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके।
- स्वामीनाथन रिपोर्ट का पालन: स्वामीनाथन आयोग ने कृषि संकट को दूर करने के लिए कई सुझाव दिए थे, जिनका पालन करने की मांग किसान संगठन कर रहे हैं।
- कृषि मुआवजा: प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बाढ़ या सूखा, के कारण फसलों के नुकसान पर किसानों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
- किसान पेंशन योजना: किसानों के लिए एक पेंशन योजना शुरू की जाए, जिससे उनकी वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- कर्ज माफी: छोटे और मंझले किसानों को राहत देने के लिए उनकी कृषि कर्ज माफी की जाए।
- स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सुविधाएं: किसानों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाए, ताकि वे चिकित्सा खर्चों से सुरक्षित रह सकें।
- कृषि लागत में कमी: खेती की लागत घटाने के लिए सरकार किसानों को सस्ता कृषि उपकरण और उर्वरक मुहैया कराए।
- भंडारण और बिक्री व्यवस्था में सुधार: किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर भंडारण और बिक्री के लिए बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए।
- बेहतर सिंचाई सुविधा: देशभर में कृषि सिंचाई के लिए स्थायी और सस्ती सुविधाएं प्रदान की जाएं।
- कृषि उपकरणों पर टैक्स में कमी: खेती से जुड़े उपकरणों और सामग्रियों पर टैक्स कम किया जाए, ताकि किसानों को इन्हें खरीदने में सहूलियत हो।
- किसानों के लिए बेहतर बाजार अवसर: किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए बाजारों में बेहतर अवसर दिए जाएं, ताकि उन्हें अधिक कीमत मिल सके।
- कृषि नीति में सुधार: किसानों के हित में कृषि नीति को सुधारने की आवश्यकता है, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
इन मांगों के तहत, किसान संगठनों ने दिल्ली में बड़े पैमाने पर मार्च और प्रदर्शन की योजना बनाई है। यह मार्च सरकार से इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की मांग करेगा।
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